मैला कुचेला डॉक्टर
शाम हो आई
थी । रोज
की तरह बालकनी
में खड़ा हो
कर डूबते सूरज
को निहार रहा
था की अचानक
एक आवाज़ ने
ध्यान भंग कर
दिया। एक मैला
कुचेला बच्चा तकरीबन 10 -12 साल का
आवाज दे रहा था
"अंकल अंकल आपकी छत पर पतंग पड़ी है क्या में ले लू ?"
"हाँ ले लो "
ख़ुशी ख़ुशी वो छत पर दौड़ गया । आते समय मैंने उससे पूछा ? "क्यों रे पढाई नहीं करनी ?"
"नहीं"
क्यों?
मास्टरजी ने स्कूल से निकाल दिया ।
ऐसे कैसे?
पैसे नहीं है फीस के
पिताजी क्या करते है ?
शराब पीते है ।
और माँ ?
वो घरो में खाना पकाती है ।
तो पैसे मिलते होंगे न?
हाँ मिलते थे लेकिन कल बापू ने माँ को बहुत मारा । माँ पैसे नहीं दे रही थी बापू को
अभी माँ हॉस्पिटल में भर्ती है ।
में स्तब्ध था । बड़ा हो कर क्या बनेगा तू ?
डॉक्टर बनूँगा सुना है बहुत पैसे होते है उनके पास । घर गाडी बंगला सब ।
मुझे भी ऐसा ही करना है।
मैंने कुछ रुपये निकाले और उसे दिए
"जा जमा करा दे फीस। "
उसने पैसे लिए और पतंग ले कर चल दिया । धुंधलका छा रहा था । टीवी पर किसी फिल्म पर रोक लगाने की खबर आ रही थी !
में दबे कदमो से अन्दर चला गया ।
"अंकल अंकल आपकी छत पर पतंग पड़ी है क्या में ले लू ?"
"हाँ ले लो "
ख़ुशी ख़ुशी वो छत पर दौड़ गया । आते समय मैंने उससे पूछा ? "क्यों रे पढाई नहीं करनी ?"
"नहीं"
क्यों?
मास्टरजी ने स्कूल से निकाल दिया ।
ऐसे कैसे?
पैसे नहीं है फीस के
पिताजी क्या करते है ?
शराब पीते है ।
और माँ ?
वो घरो में खाना पकाती है ।
तो पैसे मिलते होंगे न?
हाँ मिलते थे लेकिन कल बापू ने माँ को बहुत मारा । माँ पैसे नहीं दे रही थी बापू को
अभी माँ हॉस्पिटल में भर्ती है ।
में स्तब्ध था । बड़ा हो कर क्या बनेगा तू ?
डॉक्टर बनूँगा सुना है बहुत पैसे होते है उनके पास । घर गाडी बंगला सब ।
मुझे भी ऐसा ही करना है।
मैंने कुछ रुपये निकाले और उसे दिए
"जा जमा करा दे फीस। "
उसने पैसे लिए और पतंग ले कर चल दिया । धुंधलका छा रहा था । टीवी पर किसी फिल्म पर रोक लगाने की खबर आ रही थी !
में दबे कदमो से अन्दर चला गया ।
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